1. भैया – बहन का विकास करना परिवार अथवा विद्यालय का एकांगी दायित्व नहीं है, वरन विद्यालय के आचार्य और माता – पिता / अविभावक दोनों की सम – सहभागिता से ही इस महत्वपूर्ण दायित्व का निर्वाह हो सकता है ! अतएव, घर पर माता – पिता / अविभावक भैया – बहन की दिनचर्या व्यस्थित करने मे तथा पठान – पाठन में आवश्यक सहयोग करे !
2. अविभावक महोदय एक निश्चित व्यवस्थानुसार ही प्रधानाचार्य, भैया – बहन एवं अन्य संबद्धजनो से भेंटवार्ता करे !
3. सीधे कक्षा – कक्ष में न जाएँ तथा बिना पूर्वानुमति के भैया – बहनो से न मिले और न ही खाने पिने की कोई सामग्री दे !
4. अवकाश स्वीकृत कराकर भैया – बहन अनुपस्थित हो, यह अच्छी स्थिति है ! अपरिहार्य कारणवस बिना पूर्व सुचना के अनुपस्थिति रहना पड़े तो दोनों के अंदर विदयालय को विधिवत सूचित करे !
5. किसी भी प्रकार की शिकायत या सुचना विदयालय कार्यालय में उपस्थित होकर दे अथवा अनपी बात पृष्ठ पर अंकित कर दे !
6. अर्ध दिवस या अंशकालीन अवकाश डेय नहीं है ! विशेष परिस्थिति होने पर अविभावक के प्रार्थना – पत्र के आलोक में ही इस प्रकार का अवकाश देने पर विचार किया जा सकता है !
7. अश्वस्तता की स्थिति में भैया – बहन को विदयालय न भेजे !
8. भैया – बहन के सामने विद्यायल, आचार्य अथवा किसी अन्य व्यक्ति या संस्था की आलोचना या शिकायत न करे !
9. किसी प्रकार का संवाद या पत्राचार प्रधानाचार्य को संबोधित कर करे !
10. भैया – बहन को विदयालय लाने के लिए कीमती सामग्री न दे; यथा कीमती घड़ी, कलम, रेडियो, टेपरेकॉडर, कैलकुलेटर, आभूषण, आदि ! इन सामग्रियों के खो जाने पर विद्यालय का उत्तरदायित्व नही होगा !